बोफोर्स तोपों में दलाली के आरोप से आये राजनीतिक तूफान की वजह से सेना के तोपखाने से जुड़े तमाम सौदों पर एक तरह से रोक लग गयी थी जिसके कारण भारतीय सेना का तोपखाना अत्याधुनिक तोपों से महरूम था। भारतीय सेना साल 2020 तक 169 रेजिमेंट में 3503 तोपों को शामिल करना चाहती है। इन तोपों में भारत में निर्मित अत्याधुनिक तोपों भी शामिल होंगी। हालांकि भारतीय तोपों का निर्माण कार्य तय मियाद से पीछे चल रहा है।
जिन दो एम777 हॉविटजर्स तोपों का पोखरण में परीक्षण होगा उनसे विभिन्न प्रकार के आयुधों का इस्तेमाल करके देखा जाएगा। इन तोपों को भारतीय वातावरण में भारतीय आयुधों को दागने लायक बनाया गया है। अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं पहले ही एम777 हॉविटजर्स तोपों का प्रयोग कर रही हैं। इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में ये तोपों तैनात हैं।
इन दो एम777 हॉविटजर्स तोपों के बाद सितंबर 2018 में भारतीय सेना को तीन और एम777 हॉविटजर्स तोपों मिलेंगी। उसके बाद मार्च 2019 से लेकर जून 2021 तक हर महीने पांच नई एम777 हॉविटजर्स तोपें भारतीय सेना को मिलेंगी। सेना के सात तोपखानों को सेवा देने वाली ये तोपें 24 किलोमीटर से लेकर 40 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम होंगी। तोपों की मारक क्षमता इस बात पर निर्भर होगी कि उनमें कैसा आयुध प्रयोग किया जा रहा है।































































