बोफोर्स सौदे के बाद पहली बार भारतीय सेना में तोपों को शामिल किया गया है। अमेरिका से 2 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप भारत आ गई हैं। पाकिस्तान से लगी सीमा पर रक्षा तैयारियों के लिहाज से सेना के लिए यह अहम घटनाक्रम है।
गुरुवार (18 मई) को दो 155 एमएम/39 कैलिबर अल्ट्रा लाइट हॉविटजर्स (यूएलएच) तोपों का राजस्थान के पोखरण स्थित फायरिंग रेंज में परीक्षण किया जाएगा। करीब तीन दशक पहले भारत द्वारा स्वीडेन की कंपनी से खरीदी गयी बोफोर्स तोपों ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया था। बोफोर्स तोपों की खरीद में दलाली लेने का आरोप लगा था।
एम-777 हॉविटजर्स तोपों की खरीद को लेकर अमेरिका से साल 2010 में बातचीत शुरू हुई थी। 26 जून 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने 145 तोपों की खरीद की घोषणा की। फॉरेन मिलिट्री सेल्स (एफएमएस) के तहत सरकार से सरकार के बीच हुए 2900 करोड़ रुपये के इस सौदे पर नवंबर 2016 में अंतिम मुहर लगी। 1980 के दशक में स्वीडिश कंपनी से खरीदी गयीं बोफोर्स तोपों के बाद भारतीय सेना में कोई नई तोप नहीं शामिल की गयी थी।
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