जवान को छुड़ाने के लिए अब ये कदम उठाने वाले हैं मोदी

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

29 सितंबर को LoC पार कर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही चव्हाण लापता हैं। 2 अक्टूबर को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया था कि डीजीएमओ के माध्यम से चव्हाण की रिहाई की कोशिश की जा रही है। पर्रिकर ने यह भी कहा था कि फिलहाल माहौल तनावपूर्ण है इसलिए रिहाई में थोड़ा वक्त लग सकता है।

भारत सर्जिकल स्ट्राइक और जवान के लापता होने के बीच संबंध होने की बात को पहले ही खारिज कर चुका है। सेना ने कहा था कि इस तरह अनजाने में सीमा पार कर जाने की घटना कोई नई नहीं है। सेना को भरोसा था कि महाराष्ट्र के रहने वाले जवान चव्हाण को पाकिस्तान वापस कर देगा। एक सूत्र ने बताया कि अब जबकि पाकिस्तानी सेना की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है, तो मामला पाक के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया जा रहा है।

इसे भी पढ़िए :  दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, सरकार ने 25 डेनिक्स अधिकारियों का किया तबादला

पाकिस्तान ने शुरुआत में इस बात से इनकार कर दिया था कि चव्हाण उनकी कस्टडी में हैं। हालांकि 13 अक्टूबर को भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने इसे स्वीकार किया है कि चव्हाण उनके कब्जे में हैं और उनसे पूछताछ हुई थी।

इसे भी पढ़िए :  बस्ते के बोझ से मिलेगी छुट्टी, CBSE ने स्कूलों को दिए निर्देश, कम होमवर्क और कम किताबों पर दें जोर

भारतीय विदेश मंत्रालय पहले से ही पाकिस्तान में पकड़े गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को राजनयिक सहायता दिलाने की कोशिश कर रहा है। जाधव को मार्च में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान ने जाधव पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने इस मामले में भारत की तरफ से हुए 6 प्रयासों का कोई जवाब नहीं दिया है।

इसे भी पढ़िए :  15 अगस्त पर प्रदर्शित होंगी सावरकर और अंबेडकर की फिल्में
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse