भारत की पहली महिला मर्चेंट नेवी कैप्टन राधिका मेनन ने जीता बहादुरी पुरस्कार

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राधिका मेनन

भारतीय मर्चेंट नेवी की पहली महिला कप्तान राधिका मेनन को समुद्र में सात मछुआरों को बचाने के लिए लंदन में पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को पाने वाली राधिका विश्व की पहली महिला हैं।

भारतीय सरकार ने कहा है कि राधिका ने पिछले साल जून में बंगाल की खाड़ी में विपरीत हालात में एक डूबती नौका को बचाया था, जिसमें सात मछुआरे थे। इसी अदम्य साहस के लिए राधिका को 2016 का अंतरराष्ट्रीय समुद्रीय संगठन का अवार्ड दिया जाएगा।

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पुरस्कार ग्रहण करने के बाद मेनन ने कहा, “अपने और अपनी टीम के लिए इस सम्मान से मैं गौरवान्वित और विनीत महूसस करती हूं। मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करना नाविक का कर्तव्य है और मैंने अपना कर्तव्य पूरा किया। नाविक का काम एक महान पेशा है जो विश्व व्यापार एवं अर्थव्यवस्था एवं सांस्कृतिक एकीकरण में भारी योगदान देता है । यह पहचान का हकदार है लेकिन उसे हमेशा यह मिल नहीं पाता।”

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उनका पुरस्कार जून, 2015 में दुर्गम्मा नौका के सात मछुआरों को सफलतापूर्वक बचाने से संबंधित है। खराब मौसम में इंजन खराब होने जाने नौका भटक गयी थी। यह नौका ओड़िशा में गोपालपुर के तट से करीब ढाई किलोमीटर दूर शिपिंग कोरपोरेशन आॅफ इंडिया के जहाज संपूर्ण स्वराज को दिखी थी जिसकी प्रभारी मेनन थी। मेनन ने बचाव अभियान का आदेश दिया था।

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आपको बता दें कि कप्तान राधिका भारतीय मर्चेंट नेवी की पहली महिला कप्तान हैं और आईएमओ द्वारा दिए जाने वाले इस बहादुरी पुरस्कार को हासिल करने वाली पहली महिला भी हैं।