भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लड़ाई को भारी झटका लगा है। वो जिस डिजिटल इंडिया का ख्वाब देख रहे हैं वो कहीं चकनाचूर न हो जाए। जिस पोर्टल पर सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (cvc) पिछले चार महीने से काम कर रहा था और जहां भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का काला चिठ्ठा जमा था। वो साइट क्रैश हो चुकी है। खबरों के मुताबिक 28 नवंबर को सीवीसी की साइट की हार्ड डिस्क क्रैश हो चुकी है और जो डाटा उसमें जमा था वो खो चुका है। बता दें, उस डाटा का कोई बैकअप भी नहीं था। यानी पिछले चार महीने से cvc ने जो मेहनत की थी उसमें पानी फिर गया है। इस पोर्टल की सुरक्षा टाटा कंसलटेंसी सर्वेसिस (tcs) के पास थी।
चिंता की बात ये हैं कि सीवीसी का टीसीएस से कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है। इस घटना के बाद सूत्रों का कहना है कि इसी साल सीवीसी के पोर्टल को केंद्र की वेब सेवा संगठन और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) ने संभाला है। एनआईसी क्रैश डाटा को फिर से प्राप्त करने की कोशिश कर चुकी है। लेकिन, वो नाकामयाब रही। हालांकि नई शिकायतें और जानकारियां सीवीसी के पास है, लेकिन पुरानी केस पूरी तरह से गुम हो चुके हैं।
अगले पेज पर पढ़िए- कैसे खुला ये मामला