इन पोस्टों को #CompulsoryHijabIsNOTOurCulture और #SeeYouInIranWithoutHijab जैसे हैशटैग के साथ डाला गया है।
हिना के फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए इस पेज पर लिखा गया, ”हम हर ग़ैर-ईरानी को अपने मुल्क का दौरा करने की दावत देते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हर हाल में हिजाब पहनना हमारी सभ्यता नहीं, बल्कि महिलाओं के ख़िलाफ़ एक पक्षपाती क़ानून है। और सभी महिलाओं को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का हक़ है।”
इस पोस्ट पर मोहम्मद सईदी ने लिखा है, ”सियासत बड़ी बुरी चीज़ है, ये सारी चीज़ें लील लेती है। अच्छा है कि भारत में खेलों का राजनीतिकरण नहीं किया जाता।”
फेसबुक पर एक अन्य पोस्ट में फ़िरोज़ माहवी ने लिखा है, ”एशियाई विजेता ने हिजाब का विरोध करने के लिए निशानेबाज़ी प्रतियोगिता का बहिष्कार किया है। ख़ुदा इस लड़की पर अपनी बख़्शीश बनाए रखे। उन सभी लड़कियों को ताकत दे, जो पिछले 37 बरस से इस थोपे गए हिजाब के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रही हैं।”
दूसरी ओर, हमिद्रेज़ा कंगरशाही भारतीय खिलाड़ी से इस फ़ैसले से ख़ुश नहीं दिखी। उन्होंने फेसबुक पेज माई स्टेल्थी फ्रीडम पर लिखा, ”मैं भी अनिवार्य हिजाब के ख़िलाफ़ हूं, लेकिन इस भारतीय लड़की को हमारे देश के क़ानून का सम्मान करना चाहिए।”