भारतीय सेना के जवानों द्वारा द्वारा सोशल मीडिया पर शिकायत की विडियो जारी कर भेदभाव, उत्पीड़न आदि का आरोप लगाए जाने के बाद रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने पत्रकारों से कहा कि ये इक्के-दुक्के मामले हैं। मीडिया से बात करते हुए भामरे ने कहा, ‘इक्के-दुक्के मामलों के आधार पर पूरी सेना को कठघरे में खड़ा नहीं किया जा सकता। पूरी सेना के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। आप लोग भी तो ऐसा करते हैं।’ इसके बाद उन्होंने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा अगर कोई भी जवान ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम या यू ट्यूब आदि सोशल मीडिया पर तस्वीर या विडियो पोस्ट करना चाहता है तो उसके लिए अपनी फोर्स के डायरेक्टर जनरल से इजाजत लेनी होगी।
बता दें कि पिछले कई दिनों से सेना के जवानों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर शिकायत की है। इनमें सबसे पहले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने खराब खाना मिलने, सीआरपीएफ के जवान जीत सिंह ने सुविधाएं न मिलने, एसएसबी के एक जवान ने अधिकारियों पर तेल और राशन बेचने और सेना के जवान युग प्रताप सिंह ने घरों में अफसरों की तरफ से निजी कार्य कराने जैसे आरोप लगाए हैं।