हरियाणा के रोहतक में हुए क्रूर गैंगरेप ने एक बार फिर देश में लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ दिनों पहले ही 16 दिसंबर 2012 को हुए ‘निर्भया कांड’ के आरोपियों की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट बरकरार रखने का फैसला सुनाया था। और अब एक बार फिर से उसी घटना को देश में दोबारा दोहराया जाता है। ऐसे में लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजमी है। रोहतक में हुई इस दरिंदगी पर भारत की पहली महिला IPS और वर्तमान में पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने मंगलवार(16 मई) को एक कार्यक्रम में कहा कि देश के माता-पिता को अपने बेटों पर नजर रखनी चाहिए और इस बात के प्रति सतर्क होना चाहिए कि उनका बेटा किस माहौल में बड़ा हो रहा है, वह समाज के लिए एक संपत्ति बन रहा है या धब्बा बनने की दिशा में जा रहा है।
बेदी ने कहा कि हरियाणा में हुए रेप व मर्डर जैसे केस यह बताते हैं कि ऐसी घटनाएं तब कर होती रहेंगी जब तक माता-पिता अपनी जिम्मेदारी समझते हुए ज्यादा सतर्क नहीं होंगे और बच्चों पर नजर नहीं रखेंगे। देश में महिला सुरक्षा के हालात पर अफसोस जताते हुए पूर्व आईपीेएएस अधिकारी बेदी ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी बचाओ’ की जगह नया नारा ‘बेटी बचाओ अपनी-अपनी’ होना चाहिए। हालांकि, अपने एक ट्वीट में उन्होंने इस स्लोगन को बढ़ाते हुए लिखा, ‘बेटी बचाओ अपनी-अपनी’ ‘अपने-अपने बेटे को इंसान बनाओं।’
With another brutal gang rape with murder suffered..
The slogan now for parents b-
APNI APNI BETI BACHAO..
APNE APNE BETEY KO INSAN BANAO–— Kiran Bedi (@thekiranbedi) May 16, 2017
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेदी ने कहा कि अगर इस स्लोगन को पहले ही शुरु कर दिया जाता तो रोहतक में बेटी के साथ गैंगरेप और फिर उसकी निर्मम हत्या नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश के माता-पिता अपनी जिम्मेदारियां ठीक से निभा रहे होते तो ऐसी घटनाएं नहीं होती।
बेदी ने आगे कहा कि ‘माता-पिता बेटों की चाहत रखते हैं, लेकिन कैसा बेटा? ऐसा बेटा जो उनका भविष्य सुरक्षित बनाए और समाज की संपत्ति बने या ऐसा बेटा जो समाज पर धब्बा साबित हो। अच्छी परवरिश समाज के लिए हितकर साबित होती है, उसे रक्षक देती है।
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