उन्होंने कहा कि बेटियों पर कड़ी नजर रखी जाती है और उन्हें समाज से डरना सिखाया जाता है, वहीं लड़कों को खुला छोड़ दिया जाता है। वे जब चाहे घर से बाहर जा सकते हैं, जब चाहे वापस आ सकते हैं, वे जहां मर्जी जा सकते हैं। कई बार तो वे शराब पीकर नशे में घर लौटते हैं, पर उन्हें कुछ नहीं कहा जाता।
बेदी ने आगे कहा कि ऐसे में लड़के खराब लोगों की कंपनी में शामिल हो जाते हैं और माता-पिता भी उनके सामने कुछ नहीं कह पाते। उन्हें डर रहता है कि बेटा घर ना छोड़ दे, वही तो बुढ़ापे में उनका सहारा होगा। बाद में इन्हीं लोगों को बेटों से धमकियां मिलती हैं। जिन्होंने सारी जिंदगी बेटियों को कमतर समझा।
बता दें कि दिल्ली के हुए निर्भया कांड की तरह ही दरिंदगी अब हरियाणा के रोहतक में दोहराया गया है। यहां काम पर जा रही एक 20 वर्षीय युवती को अगवा करके न केवल उसके साथ गैंगरेप किया गया, बल्कि उसके साथ इस कदर बर्बरता की है कि आपसे होश उड़ जाएंगे।