पाकिस्तान द्वारा भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने का मुद्दा विशवभर में गर्माया हुआ है। सजा के खिलाफ भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) में अपील की है और कोर्ट ने फांसी पर रोक लगा दी है। हालांकि अभी अंतिम फैसला आना बाकी है। पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव भारतीय जासूस है और उसे ईरान से पाकिस्तानी सीमा में दाखिल होते हुए, बलूचिस्तान से पकड़ा गया था। मगर उसके इस दावे की पोल, खुद उन्हीं की मुख्य खुफिया एजंसी आईएसआई के पूर्व अधिकारी ने खोल दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व आईएसआई अधिकारी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में नहीं बल्कि ईरान से पकड़ा गया था।
अमजद शोएब का दावा है कि कुलभूषण जाधव को ईरान से गिरफ्तार कर बलूचिस्तान में फर्जी गिरफ्तारी दिखाई गई थी। वहीं शोएब के इस दावे को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि भारत इसे जाधव के बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में पेश कर सकता है। कोर्ट ने 18 मई को जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी। भारत का दावा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया था। आईसीजे में भारत का दावा है कि जाधव नेवी से रिटायर होने के बाद कारोबारी सिलसिले में ईरान गया था और उसे वहीं से अगवा किया गया था।
वहीं पाकिस्तान ने आईसीजे से कुलभूषण जाधव के मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया है। जाधव को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने हेग स्थित आईसीजे के पंजीयक को पत्र भेजा है। इस पत्र में पाकिस्तान ने जल्द सुनवाई रखी जाने की अपनी इच्छा व्यक्त की है। उसने अगले कुछ ही सप्ताह में सुनवाई आयोजित करने को प्राथमिकता दी है। सूत्रों के हवाले से ट्रिब्यून ने कहा कि ऐसा अनुरोध आईसीजे के जजों के आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है। ये चुनाव नवंबर में होने हैं। हालांकि एक विशेष अधिकारी के हवाले से कहा गया कि आईसीजे इस मामले में पुन: सुनवाई अक्तूबर में शुरू कर सकता है।