मसूद ने आगे कहा, ‘हमें इस बात के लिये तैयार रहना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे लेकर प्रतिक्रिया होगी और यहां तक कि पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा पर उल्लंघनों में इजाफा को लेकर भी तैयार रहना चाहिए।’ राजनीतिक विशेषज्ञ एयर मार्शल (रिटायर्ड) शहजाद चौधरी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस फैसले के चलते भारत के साथ हमारे रिश्तों में बदलाव आयेगा।’
‘जियो न्यूज’ में वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने कहा, ‘सबसे पहले पाकिस्तान को जासूस के खिलाफ मिले सबूतों को सार्वजनिक करना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे साझा करना चाहिए।’ हामिद ने कहा, ‘आखिर हर कोई पहले ही भारत की प्रतिक्रिया को लेकर क्यों बात कर रहा है? मेरा मानना है कि भारत को सूझबूझ से काम लेना चाहिए और इस खबर पर बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। अगर लोगों को अजमल कसाब की फांसी याद हो तो पाकिस्तान इस पूरे मुद्दे पर खामोश रहा था। हमारा विशेषाधिकार सामान्य था, अगर कसाब के खिलाफ सबूत हैं तो उसे भारतीय कानून के मुताबिक सजा सुनायी जानी चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए भारत को सूझबूझ से काम लेना चाहिए, न कि इन खबरों पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए और न ही जाधव को किसी नायक के तौर पर परोसना चाहिए। मीडिया को भी यही लहजा अपनाना चाहिए।’