मतलब साफ है कि किसी के पास अगर कोई वाहन है तो उसका इस्तेमाल आतंकी हमले के तौर पर हो सकता है और इसे रोकने का कोई पुख्ता तरीका संभव नहीं है। कोई भी आगंतुक, जिसने वेस्टमिनिस्टर की यात्रा की होगी और उसे यहां की जानकारी होगी, वह आसानी से ऐसा हमला कर सकता है। बुधवार को हुए इस हमले के बाद ब्रिटेन की संसद के बाहर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम करने होंगे। बकिंघम पैलेस की सुरक्षा भी अब कड़ी की जा सकती है, क्योंकि यहां के गेट पर गार्ड तो होते हैं लेकिन कारों की आवाजाही की आजादी है।
आतंकवादियों को इन जगहों पर किसी को मारने के लिए किसी बड़ी योजना की जरूरत या फिर महंगे उपकरण की जरूरत नहीं होती है। हकीकत यह है कि इस नए तरीके के आतंकवाद में आतंकी अकेले ही शामिल होता है और एजेंसियों के लिए उसे पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
बता दें कि ब्रिटिश संसद के बाहर बुधवार को हुए हमले में मारे गए लोगों में हमलावर और एक पुलिस अधिकारी भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक एक संदिग्ध हमलावर ने एक गाड़ी से कुछ लोगों को कुचलते हुए संसद के अंदर दाखिल होने की कोशिश की। इस दौरान उसने एक पुलिस अधिकारी को चाकू मारकर घायल कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर से गोली चलाई गई जिसमें संदिग्ध हमलावर मारा गया।