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भारत में बलात्कार की घटनाओं के संबंध में अमेरिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ने कहा है कि खुले में शौच जाने वाली महिलाओं के साथ यौन हिंसा की घटना होने की आशंका रहती है और उन्हें ढांचागत सुधार उपलब्ध करवाकर कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
बायो मेड सेंट्रल जर्नल के हालिया अंक में मिशिगन यूनिवर्सिटी की छात्रा अपूर्वा जाधव का शोध पत्र प्रकाशित हुआ है जिसमें कहा गया है, “खुले में शौच जाने वाली महिलाओं को एक अलग किस्म की यौन हिंसा- उसके द्वारा जो जीवनसाथी नहीं है- का जोखिम रहता है।” शोध में कहा गया है, “खुले मैदानों या रेल की पटरियों पर खुले में शौच जाने वाली महिलाओं के साथ बलात्कार की आशंका उन महिलाओं की तुलना में दोगुनी होती है जो महिलाएं अपने घर में बने शौचालय का इस्तेमाल करती हैं।”
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