सोमवार को पाकिस्तान की ओर से फायरिंग में शहीद हुए नायब सूबेदार परमजीत सिंह का पार्थिव शरीर हेलिकॉप्टर से तरन-तारन लाया गया, जहां उनके गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सरकार की ओर से कोई भी अधिकारी या मंत्री मौजूद नहीं था। इससे पहले उनकी शव यात्रा रोककर उनके परिवार ने शव देखने की मांग उठाई थी। एएनआई के मुताबिक उनके परिवारीजनों ने कहा था, यह किसका शव है, ये ताबूत के पीछे है। हमें शव देखने क्यों नहीं दिया जा रहा है। बाद में समझाने पर उनके परिवारीजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
उनके शहीद होने की खबर आने के बाद परिवार को रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी बेटी सिमरनदीप कौर का कहना है कि उनके पिता ने देश के लिए बलिदान दिया है, उन्हें उनपर गर्व है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी बेटी ने कहा कि उन्हें अपने पिता का पूरा शव चाहिए। वहीं उनके भाई ने बताया कि हाल ही में परमजीत सिंह ने अपना घर बनवाया है। जल्द वह इसमें शिफ्ट होने वाले थे। लेकिन अब उनकी जगह उनका पार्थिव शरीर इस घर में आएगा।
पाकिस्तान ने सोमवार को बिना किसी उकसावे के पुंछ सेक्टर के केजी इलाके में सीजफायर का उल्लंघन किया था। पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी और रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया था, जिसमें दो भारतीय जवान शहीद हो गए थे। बीएसएफ ने बाद में बताया था कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) ने दोनों शवों के साथ बर्बरता करते हुए उन्हें क्षत-विक्षत कर दिया था।
दूसरी ओर शहीद होने वालों में बीएसएफ के हेड कॉन्सटेबल प्रेम सागर भी शामिल हैं। पाकिस्तान सेना द्वारा जवानों की हत्या करने के बाद उनके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया। पाकिस्तान सेना की इस बर्बरता का पूरे देश में विरोध हो रहा है। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं, पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए। शहीद प्रेम सागर की मौत की खबर सुनकर उनके परिवारवालों का बुरा हाल है। प्रेम सागर की बेटी ने पिता की शहादत के बदलने 50 सिरों की मांग की है। उनकी बेटी सरोज ने कहा, “प्रशासन की ओर से पिता (प्रेम सागर) की मौत की कोई जानकारी नहीं दी गई। पिता की कुर्बानी के बदले 50 पाकिस्तानी सैनिकों के सिर चाहिए।”
बीएसएफ में हेड कॉन्सटेबल के पद पर तैनात प्रेम सागर मूल से उत्तर प्रदेश के देवरिया गांव के टीकमपार गांव के रहने वाले हैं। उनकी मौत की खबर सुनते ही देवरिया में मातम छा गया। शहीद प्रेम सागर के छोटे भाई दया शंकर ने कहा, “भाई की शहादत पर गर्व है, लेकिन सरकार को उनके परिवार के बारे में सोचना चाहिए।