बसपा सुप्रीमो मायावती को समाजवादी पार्टी को घेरने का नया मुद्दा मिल गया है। ये मुद्दा कोई और नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी परिवार में चल रही आंतरिक कलह का है। जहां यादव परिवार के लोग ही एक दूसरे पर बरस रहे हैं। ऐसे में बसपा इस मुद्दे को भला कैसे गंवा सकती है। कहावत भी है कि घर की लड़ाई में बाहरी ही बाजी मार जाते हैं। ऐसे ही बाजी मारने की जुगत में बसपा भी लगी है। हाल ही में मुलायम ने अपने भाई शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया था। मुलायम की इस फेर-बदल पर मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष इसलिए बना दिया, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में सपा की हार का ठीकरा बेटे अखिलेश यादव पर न फूटने पाए।
माया ने आरोप लगाया कि मुलायम ने ऐसा इसलिए भी किया, ताकि सपा और परिवार में वर्चस्व को लेकर जारी संघर्ष और गृहयुद्ध की ड्रामेबाजी में मुलायम के हावी पुत्रमोह से राज्य की जनता का ध्यान बंटाया जा सके। मायावती ने कहा कि पुत्र को ही टिकट बांटने का अधिकार सौंपकर चुनाव से पहले उसकी छवि बनाने तथा उसे सपा परिवार में नंबर वन बनाने का प्रयास है। इस प्रयास में मुलायम ने भाई शिवपाल यादव को बलि का बकरा बनाकर कुर्बान कर दिया।
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