पाकिस्तान का एक बड़ा तबका एग्रीकल्चर पर निर्भर है। अगर इन नदियों का पानी बंद दिया गया तो पाकिस्तान का एग्रीकल्चर पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। पाकिस्तान का एग्रीकल्चर बर्बाद होने से पाकिस्तान की 19 करोड़ से जनसंख्या का क्या हाल होगा इस अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं अगर ये ट्रीटी खत्म हो गई तो पाकिस्तान बिजली के लिए भी तरस जाएगा। क्योंकि इन नदियों से कई डैम बने हैं जो पाकिस्तान को बिजली देते हैं।
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वर्ल्ड बैंक मध्यस्थता के बाद 19 सितंबर 1960 को कराची में इंडस वाटर ट्रीटी हुई थी। भारत के तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू और पाक के फॉर्मर प्रेसिडेंट जनरल अयूब खान ने इस ट्रीटी पर साइन किए थे। जिसके मुताबिक भारत पाक को अपनी सिंधु, झेलम, चिनाब, सतलुज, व्यास और रावी नदी का पानी देगा। जिसके बाद से इन नदियों का 80 फीसदी से ज्यादा पानी पाकिस्तान को मिलता है।
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