नई दिल्ली: मोदी का ये फैसला पाक को बर्बाद कर देगा। उरी हमले के बाद से ही सरकार पर पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई करने का दबाव बढ़ रहा है। लेकिन मोदी ये बात जानते हैं कि युद्ध सरकारें करती हैं और खामियाजा जनता उठाती है। सरकार के पास युद्ध ना करने के कुछ अपनी मजबूरियां हैं। कोई भी सरकार इस बात को आसानी से समझ सकती है कि एक युद्ध का मतलब होता है देश को दसियों साल पीछे ढकेल देना। यहीं वजह है कि भारत सरकार पाकिस्तान के साथ युद्ध ना करके कूटनीति की लड़ाई लड़ना चाहती है। हालांकि सरकार के पास एक ऐसा विकल्प भी मौजूद है जिसके कारण पाकिस्तान एक पल में भारत के आगे घुटने टेकने के लिए मजबूर हो जाएगा। हम आपको बताने जा रहे हैं 1960 में पाकिस्तान के साथ हुए इंडस वाटर समझौते के बारे में।1960 में हुए इस समझौते के तहत भारत अपनी पांच नदियों – सिंधु, झेलम, चिनाब, सतलुज, व्यास रावी – का पानी खुद से ज्यादा पाकिस्तान को देता है। भारत ने अगर इस समझौते को रद्दकर दिया तो पाकिस्तान की कमर टूट जाएगी।इतना ही नहीं, ऐसा करने से पाकिस्तान को हर शर्त भी मानने पर मजबूर होना पड़ेगा। बता दें इस ट्रीटी की वजह से जम्मू-कश्मीर को हर साल 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है।
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