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सूत्रों की माने तो पीएम मोदी राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता को लेकर बेहद गंभीर हैं, भले ही कोई दल इसमें उनका साथ दे या न दे। मौजूदा वक्त में राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए से कम के चंदे का हिसाब नहीं देना होता है। बीजेपी के चंदे का भी एक बड़े हिस्से का कोई हिसाब-किताब नहीं है। इसी वजह से पीएम मोदी के ब्लैक मनी के खिलाफ किसी भी अभियान की काट के तौर पर तमाम राजनीतिक दल बीजेपी की अज्ञात फंडिंग का हवाला देने लगते हैं।
पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता का महत्व बताते हुए पीएम मोदी ने कार्यकारिणी में कहा, ‘देश में इन दिनों एक पारदर्शिता भरा माहौल उभर रहा है। ऐसे में राजनीतिक दलों को भी अपनी फंडिंग पारदर्शी करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।’
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