रविवार सुबह उड़ी हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद होने के बाद से ही पाकिस्तान और भारत के संबंधों में तल्खी बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार वॉर रूम में पीएम मोदी को सेना द्वारा मानचित्र, पावर प्वाइंट और मॉडल्स के द्वारा सेना के ताकत और सैन्य रणनीति की जानकारी दी गई। बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने तलब किया है। अब्दुल बासित को तलब किए जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने बताया, ‘हमने पाकिस्तान से मांग की है कि वह भारत के खिलाफ आतंक का इस्तेमाल नहीं किए जाने के वादे पर कामय रहे। वहीं विदेश मंत्रालय ने इस सारे मसले पर कहा है कि, “इस साल पठानकोट एयरबेस पर हमले से लेकर, अब तक 17 बार अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के उल्लंघन का मामला सामने आया है।”
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इसके अलावा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने टैक्टिकल परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की पाकिस्तान की धमकी की खबरों को भी खारिज करते हुए कहा, ‘‘थोथा चना बाजे घना।’’ उन्होंने कहा कि उरी हमले जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए कदम उठाये जाएंगे। पर्रिकर ने कहा, ‘‘हम हर चीज का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री के ये शुरूआती शब्द महज बयानबाजी नहीं समझी जानी चाहिए कि हमले के जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा। सजा कैसे दी जानी है, उसके लिए हमें काम करना है। हम इस बारे में काफी गंभीर हैं।’’
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