राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के संचालक डॉ. मोहन भागवत ने एक दिवसीय पंजाब प्रवास के दौरान डीएवी स्कूल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संघ का उद्देश्य संपूर्ण समाज का संगठन है।
मोहन भागवत ने कहा उन्होंने स्वदेशी, मातृशक्ति जागरण, सामाजिक समरसता पर जोर दिया। साथ ही देश में अशांति फैलाने का प्रयास होने की आशंका जताते हुए राष्ट्रीय ताकतों और सज्जन शक्ति को इसके लिए तैयार रहने का आह्वान किया। बैठक में पंजाब, हिमाचल प्रदेश के जिला और विभाग के संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक, प्रांत और क्षेत्र कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि संघ का कार्य संपूर्ण समाज को संगठित करना है, इसलिए सभी को सामूहिक जिम्मेदारी का भाव मन में रखकर, मिलजुलकर कार्य करना चाहिए। सब स्वयंसेवक एक दिशा में मन मिलाकर कार्य करें तो शीघ्र सफलता मिल सकती है। शीघ्र सफलता के लिए एक दूसरे के प्रति विश्वास, आत्मीयता का भाव और समझदारी बेहद आवश्यक है।
सरसंघचालक ने जोर देकर कहा कि संगठन समाज में परिवर्तन का माध्यम बनें, इसके लिए योजना बनाकर काम करना चाहिए। सामाजिक समरसता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सबको मंदिर में प्रवेश, पानी का समान स्रोत और एक श्मशान हो। समाज में जहां इस प्रकार के भेद हैं, उनको दूर करने के लिए स्वयंसेवकों को समाज को साथ लेकर प्रयास करने चाहिए। समाज परिवर्तन के कामों में महिलाओं की भूमिका बढ़नी चाहिए। परिवार संस्कारवान हों, इसके लिए मातृशक्ति के जागरण के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है। कुटुंब प्रबोधन इसका एक अच्छा माध्यम है।
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