चिंतनशीलता के साथ विवेक भी जरूरी हैं
भागवत ने कहा कि इससे व्यक्तिगत विकास तो होता ही है, समाज जीवन को भी इसका लाभ मिलता है। इसमें एक बात यह भी ध्यान रखनी चाहिए कि चिंतनशीलता के साथ विवेक भी अवश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में कुटुंब प्रबोधन, ग्राम विकास, गौसंरक्षण, सामाजिक समरसता जैसी गतिविधियों की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इनसे ही समाज परिवर्तन की गति बढ़ेगी।
जो समाज का विचार करते हैं, उन सबको साथ लेकर चलना, सबको जोड़कर चलना, यह हमारी कार्यप्रणाली का भाग बने। उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि कार्य की सफलता के लिए टीम वर्क तथा सर्वसम्मति से कार्य करना चाहिए। हर स्तर पर टीम वर्क खड़ा होना चाहिए, इसी से समाज के लिए कार्य करने वाले प्रतिबद्ध लोग तैयार होंगे। बैठक में क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंग लाल गुप्त, पंजाब के संघचालक बृजभूषण सिंह बेदी, हिमाचल प्रदेश के संघचालक कर्नल (सेनि.) रूपचंद, सह-संघचालक डॉ. वीर सिंह रांगड़ा भी मौजूद थे