भारत में लड़कियों से ज़्यादा लड़कों की होती है भ्रूण हत्या, पढ़ें पूरा सच

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भ्रूण हत्या
An Indian nurse cares for new born babies in a nursery at a maternity hospital in Kolkata on September 1, 2010 as Hindus celebrate Janmashtami, the birthday of Lord Krishna. Reportedly, the doctors and nurses worked overtime as hospitals recorded an average of 50 percent more cesarean births as they coped with the Hindu belief that Janmashtami is an auspicious day for birth. AFP PHOTO/Deshakalyan CHOWDHURY (Photo credit should read DESHAKALYAN CHOWDHURY/AFP/Getty Images)

भारत में लड़कियों के मुक़ाबले अधिक लड़कों के भ्रूण हत्या के मामले दर्ज हुए हैं। राष्ट्रीय अपराध डेटा के इन नवीनतम उपलब्ध आंकड़ें इशारा करते हैं कि 2014 में लड़कियों की तुलना में लड़कों के भ्रूण हत्या के ज़्यादा मामले सामने आए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार कम से कम 53 लड़कों के भ्रूण हत्या के मामले दर्ज हुए हैं वहीं लड़कियों के 50 मामले हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में सामने आई है। चार भ्रूण के लिंग अज्ञात पाए गए हैं।

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 1996 और 2012 के बीच, केवल दक्षिण दिल्ली में कम से कम 238 भ्रूण और नवजात शिशुओं को छोड़ा गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अनुसार, इनमें से 115 लड़के थे, 110 लड़कियां थीं और 13 भ्रूण के लिंग पता नहीं चल सका था।

डॉ सी बेहरा, रिपोर्ट के सह-लेखकों में से एक कहते हैं, “इनमें लड़के प्रमुख थे लेकिन नज़दीक से जांच करने पर पता चलता है कि पांच महीने के गर्भावधि (20 सप्ताह) के बीच लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक है।” बेहरा आगे कहते हैं, “पुरुषों के पक्ष में सामाजिक पूर्वाग्रह के कारण, इसका अर्थ हुआ कि चयनात्मक कन्या भ्रूण हत्या इस अवधि के दौरान हुआ। भारत में चिकित्सा गर्भपात केवल 20 सप्ताह के गर्भावधि के दौरान की अनुमति है और आपराधिक गर्भपात और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण के बाद चयनात्मक कन्या भ्रूण हत्या गर्भावस्था के 20 सप्ताह से पहले अधिक होने की संभावना है। “

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Source: National Crime Records Bureau

इस साल 5 अगस्त को लोकसभा में दिये गए जवाब के मुताबिक, 2014 में सबसे ज़्यादा कन्या भ्रूण हत्या के मामले 15 मध्यप्रदेश में दर्ज हुए हैं। वहीं राजस्थान में 11, पंजाब में 7, उत्तर प्रदेश और हरयाणा में 4-4 मामले हुए हैं।

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Source: National Crime Records Bureau

वहीं सरकार ने संसद में बताया कि पूरे भारत में मार्च 2016 तक, अवैध लिंग-निर्धारण के लिए कम से कम 2,296 मामले दर्ज हुए हैं।