दुनिया भर के लोग आज (रविवार) अपनी मां को याद कर रहे हैं। मदर्स डे (Mother’s Day 2017) पर सर्च ईंजन गूगल (Google) डूडल (doodle) के जरिए दुनिया भर की मां को सम्मान दे रहा है। गूगल ने मां के सम्मान में एनिमेटेड डूडल बनाया है। डूडल पर नजर डालेंगे तो समझ पाएंगे कि इसमें कैक्टस के पौधे को मां के रूप में दर्शाया गया है। मां को गर्भवती दिखाया गया है। अगली तस्वीर में दिखाया गया है कि कैक्टस रूपी मां बच्चे के जन्म का इंतजार करती दिखती है और वह जिम्मेदारियां लेने को तैयार दिख रही है। तीसरी तस्वीर में वह पानी देती दिख रही है। इस तस्वीर के जरिए स्तनपान को दर्शाया गया है। तीसरी, चौथे और पांचवे तस्वीर में कैक्टस रूपी मां अपने बच्चे को इस दुनिया के लायक बनाने की ट्रेनिंग देती दिख रही है। इन पलों में बच्चे हर बात पहले मां सीखते हैं। छठी और आखिरी तस्वीर में बच्चा कैक्टि बड़ा हो जाता है और मां को ऐसा एहसास होता है कि अब उसने अपनी जिम्मेदार पूरी कर ली। Doodle में कैक्टस को शायद इस लिए प्रयोग किया गया है ताकि ये संदेश दिया जा सके कि मां के जीवन में चाहे जितने भी कांटे रूपी मुश्किलें आ जाएं वह अपने बच्चों पर इसका असर नहीं आने देती हैं।
मां हर बच्चे को बोलना सीखाने से लेकर, नौकरी के इंटव्यू तक के लिए तैयार करती है। वह अपने जीवन के अंतिम क्षण तक अपने बच्चे के हित के बारे में सोचती है। वहीं बच्चे जीवन की भागदौड़ में कई बार मां की इच्छाओं पर ध्यान नहीं देते। कई बार तो मां अकेले पड़ जाती है। इसके बाद भी उनका बच्चे के प्रति प्यार नहीं कम होता है।
400 साल पुराना है मदर्स डे का इतिहास
मालूम हो कि मदर्स डे मई माह के दूसरे रविवार को मनाते हैं. मदर्स डे का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना है। प्राचीन ग्रीक और रोमन इतिहास में मदर्स डे को मनाया जाता था। इसके पीछे कई धार्मिक कारण जुड़े थे। वहीं इंग्लैंड में 17वीं शताब्दी में 40 दिनों के उपवास के बाद चौथे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता था। बोलिविया दक्षिणी अमेरिका का एक देश है। यहां 27 मई को मदर्स डे मनाया जाता हैं।
युगोस्लाविया में मदर्स डे का चलन 19वीं शताब्दी तक बिल्कुल खत्म हो गया था, हालांकि मदर्स डे मनाने की आधुनिक शुरुआत का श्रेय अमेरिकी महिलाओं, जूलिया बार्ड होवे और ऐना जार्विस को जाता है।
वर्जिनिया में मदर्स डे की शुरुआत वेस्ट एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं के लिए खासतौर पर की गई, ताकि उनके पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान मिले। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है।