उत्तराखंड के देहरादून, रुड़की और हरिद्वार में कई महिलाओं ने बुर्का उठाकर तस्वीर खिंचाने से इनकार कर दिया। ऐसे में अधिकारियों ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए महिलाओं की बुर्के में ही तस्वीरें ली हैं, लेकिन उनके हाथों में उनके नाम लिखी तख्तियां थमा दी हैं ताकि उनकी पहचान पुख्ता हो सके। देहरादून के मुख्य विकास अधिकारी बंसीधर तिवारी ने कहा, ‘हमने महिलाओं को अपने स्तर पर समझाने का प्रयास किया और उन्हें बताया कि यह उनके ही फायदे के लिए होगा। लेकिन, उन्होंने अपनी संस्कृति का वास्ता देकर इससे इनकार कर दिया। हमें पर्वतीय इलाकों में भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा, लेकिन समझाने पर महिलाएं तस्वीरों के लिए राजी हो गईं।’
पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते साल इस योजना का ऐलान किया था। इस स्कीम के तहत ग्रामीण इलाकों में बेघर लोगों को पक्के आवास दिए जाने की योजना है। इस स्कीम के तहत आवासों का आवंटन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर ही होगा। इसका मकसद यह है कि गरीब परिवारों में महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।