सुकमा: CRPF जवानों पर हमले के पीछे था नक्सल कमांडर हिडमा का हाथ!

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छत्तसीगढ़ के सुकमा में 25 CRPF जवानों की शहादत के पीछे कुख्यात नक्सली नेता हिडमा का हाथ बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कमांडर हिडमा ने तीन सौ के करीब नक्सलियों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया।सीआरपीएफ पोजीशन लेकर बैठी थी कि तभी अचानक फायर किया गया। सूत्रों के मुताबिक नक्सली संगठन, पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) ने इस हमले को अंजाम दिया है।

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सुकमा में जंगरगुंडा इलाके के पलोडी गांव का रहने वाले हिडमा की उम्र 25 साल बताई जाती है। कहा जाता है कि वह दक्षिणी बस्तर के सुकमा-बीजापुर क्षेत्र में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर है। उसे एक बेहद कामयाब रणनीतिकार और फाइटर माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह गुरिल्ला हमले करने वाले नक्सली बटैलियन का कमांडर है। दरअसल, हिडमा पीपल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी के सेकंड बटैलियन का कमांडर है। इसे भाकपा माले का सशस्त्र धड़ा माना जाता है। पुलिस का कहना है कि हिडमा अब भी पुलिस की पहुंच से बहुत दूर है। बीते पांच साल के दौरान हुए कई एनकाउंटर्स में तो वह मौके से भागने में सफल रहा।

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इसी साल, 11 मार्च को सुकमा में ही सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले में हिडमा का ही हाथ माना जाता है। इस हमले में 12 जवान शहीद हो गए थे। मई 2013 में जीरम घाटी में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर हुए नक्सली हमले में भी हिडमा का ही हाथ था। नक्सलियों ने 27 कांग्रेसी नेताओं समेत 32 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके अलावा, 2010 में चिंतलनार में घात लगाकर 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या में भी इसकी भूमिका मानी जाती है।

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