पूर्व वित्तमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने नोटबंदी के फैसले को लेकर आरबीआई और वित्तमंत्री अरुण जेटली को निशाने पर लिया है। चिदंबरम के अनुसार, नोटबंदी के बाद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नए नियम बना रहा है और जेटली उसे बदल रहे हैं। मंगलवार को चिदंबरम ने कहा कि नागरिकों को पता नहीं कि किसपर भरोसा करें कि क्योंकि दोनों अपनी साख गंवा चुके हैं। चिदंबरम ने ट्विटर के जरिए केंद्र सरकार पर हमला किया। उन्होंने लिखा, ”8 नवंबर को पीएम का वादा और 11 नवंबर को वित्तमंत्री का आश्वासन। आरबीआई जमा पर नया नियम बनाता है और वित्तमंत्री विरोधाभासी बयान देते हैं। नागरिक किसपर भरोसा करें? दोनों में किसी की साख नहीं रह गई।” रिजर्व बैंक ने 19 दिसंबर को 5000 रुपये से ऊपर की रकम एक ही बार में जमा कराने का निर्देश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि अब तक रकम जमा क्यों नहीं कराई, यह भी बताया जाए। हालांकि मंगलवार को जेटली ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसी कोई लिमिट नहीं लगाई गई है और कोई कितनी भी रकम जमा करा सकता है।
चिदंबरम ने ट्वीट कर पूछा कि लोग 30 दिसंबर तक नोट जमा क्यों नहीं कर सकते, जैसा 8 नवंबर को सरकार द्वारा वायदा किया गया था। उन्होंने कहा, ”पुराने नोट 15 दिसंबर तक इस्तेमाल किये जा सकते थे। जैसा बताया गया था, वैसे हम 30 दिसंबर तक बचे हुए नोट जमा क्यों नहीं कर सकते?