वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजनीतिक दलों को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के रूप में चंदा लेने की छूट की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद राजनीतिक दलों को कोई रियायत नहीं दी गई है और 15 दिसंबर, 2016 से लागू हुए संशोधित टैक्स अधिनियम के तहत भी ऐसी कोई छूट नहीं है।
जेटली ने एक बयान में कहा, ‘आईटी ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 13A के तहत राजनीतिक दलों को अपने अकाउंट का ऑडिट, खर्च और आय की जानकारी और बैलेंस शीट जमा करानी होती हैं। नोटबंदी के बाद कोई भी राजनीतिक दल 500 और 1000 रुपये के नोटों के रूप में चंदा नहीं ले सकता है। यदि कोई भी राजनीतिक दल ऐसा करता है तो यह कानून का उल्लंघन होगा।’
साथ ही जेटली ने कहा, ‘मैं सभी पत्रकार बंधुओं से कहना चाहता हूं कि यदि सरकार का कोई फैसला करप्शन के खिलाफ नहीं होता है, तो उसके खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराएं। दूसरी तरफ सरकार पर निशाना साधने से पहले पूरी रिसर्च भी कर लेनी चाहिए।’
जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों को होने वाली आय और डोनेशन इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 13A के अंतर्गत आते हैं। इसके प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।