सरकार ने मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाईक के एनजीओ का FCRA लाइसेंस रिन्यू करने के मामले में गुरुवार को गृह मंत्रालय के 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बता दें पिछले महीने केंद्र सरकार ने जाकिर नाईक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को मिलने वाली फंडिंग की जांच के आदेश दे दिए थे। सरकार ने यह आदेश उस बात के सामने आने के बाद दिया था जिसमें पता लगा था कि बांग्लादेश के ढाका में हमला करने वाले लड़के जाकिर नाईक से प्रेरित थे। जाकिर नाईक के संगठन पर आरोप है कि उसे विदेश से पैसा मिलता है जिसका इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों और युवाओं को आतंक की तरफ खींचने के लिए किया जाता है।
इस बीच जांच एजेंसियां जाकिर का पूरा कच्चा चिट्ठा खंगाल रही हैं और इससे जो खुलासे हो रहे हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं। नए खुलासे के मुताबिक एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं बल्कि 55 आतंकवादी किसी न किसी रूप में जाकिर के भाषणों से प्रेरित हुए। इनके आतंकी बनने में जाकिर नाईक की तकरीरों की बड़ी भूमिका रही है। दरअसल गृह मंत्रालय के निर्देश पर जांच एजेंसियां इस पड़ताल में लगी हैं कि क्या जाकिर नाईक के खिलाफ किसी तरह का कानूनी मामला बनता है। इसी से जुड़ी जांच में ये खुलासा हुआ कि पिछले 10 साल में गिरफ्तार हुए आतंकियों में से कम से कम 55 ऐसे थे जिन्होने पूछताछ के दौरान ये माना था कि वो जाकिर के भाषणों से प्रभावित थे।
जाकिर नाईक पिछले महीने तब विवादों में घिरा था जब ढाका में आतंकी हमला करने वालों में से एक रोहन इम्तियाज ने अपने फेसबुक पेज पर जाकिर के भाषण के उस टुकड़े को लिखा था जिसमें जाकिर ने कहा था कि हर मुसलमान को आतंकी होना चाहिए। अब 55 ऐसे आतंकियों के नाम सामने आ चुके हैं जिन्होने जाकिर के भाषणों से प्रभावित होने की बात कबूली है।