सर्वे के मुताबिक, 41 प्रतिशत लोग मानते हैं कि नगरीय निकाय अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह फेल हुए हैं और अभियान को लागू करने की प्रक्रिया भी काफी कमजोर है। हालांकि 61% लोगों ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की वजह से उन्हें साफ-सफाई के मामले में ‘कुछ सुधार’ नजर आता है।
34 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि साफ-सफाई में कुछ सुधार हुआ है (0-10%), 18% ने कहा कि यह ज्यादा अच्छा हुआ है (1030% सुधार), 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसमें काफी सुधार हुए हैं जबकि 39% नागरिकों को लगता है कि स्वच्छ भारत अभियान को कोई असर नहीं हुआ है।
लोकल सर्कल के चीफ स्ट्रैटिजी ऑफिसर के. यतीश रजावत ने बताया, ‘कुछ सुधार का मतलब है 0-10% सुधार। सर्वे के रिजल्ट से पता चलता है कि इसमें धीरे-धीरे प्रगति हो रही है, खास तौर पर सिविक सेंस के मामले में लेकिन नगरीय निकाय अभी तक इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।’
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