पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले को विरोध किया। उन्होंने सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि ये कालेधन के खिलाफ मुहिम नहीं, कैश के खिलाफ मुहिम साबित हो रही है, और इस सब से सबसे ज्यादा परेशानी आम आदमी को हो रही है।
इंडिया टुडे से खास बातचीत में चिदंबरम ने कहा कि 500 और 1000 के नोट बंद करने से केवल आम आदमी प्रभावित हो रहा है। ऐसा करने से कालेधन पर बिल्कुल लगाम नहीं लगने वाला है। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार कहती है कि अधिक प्रचलन वाले नोटों पर बैन से आम आदमी प्रभावित नहीं होगा, लेकिन ये बेहद हास्यास्पद बयान है।
कालेधन पर लगाम लगाए जाने के सवाल पर वित्त मंत्री कहा, आज कालेधन का मतलब सिर्फ कैश नहीं है। उन्होंने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोटबंदी से पहले सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार से सलाह नहीं ली होगी, क्योंकि इसे कालेधन के खिलाफ मुहिम नहीं कह सकते।
चिदंबरम ने आगे कहा कि कालेधन के खिलाफ वो सरकार के साथ हैं, लेकिन कालेधन के खिलाफ सरकार की जो ये मुहिम को गलत है और वो इसके खिलाफ हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर रघुराम राजन आरबीआई के गर्वनर होते तो वो सरकार के फैसले को नहीं मानते। क्योंकि ये सही कदम नहीं है।
चिदंबरम ने कहा कि अब 2000 रुपये का नोट लाने का फैसला हैरानी भरा लगता है। आपको बता दे, इससे पहले भी चिदंबरम ने नोटबंदी योजना को लागू करने के तौर-तरीके पर ट्वीट के जरिए सवाल