सेना से जुड़े सूत्र बताते हैं कि 30 अप्रैल और 1 मई की दरम्यानी रात नंगटेकी में जिस किरपान चौकी पर हमला किया गया, वहां HHTI मौजूद था। सेना के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि सीमा पर दुश्मन जवानों की हरकत का पता लगाने में HHTI पूरी तरह सफल नहीं रहे। सेना के पास अंधेरे में देखने वाले दूरबीन भी थे, लेकिन वे उस दौरान नाकाम साबित हुए।
इस हमले में गश्ती दल की बाकी टुकड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और उसी ने जवाबी हमले का मोर्चा संभाला। दरअसल यहां उन्हें गश्त के दौरान आपस में एक निश्चित दूरी बना कर चलने के निर्देश होते हैं, यही उनके काम आई।
सूत्रों का साथ ही कहना है, चूंकि यह दिन में (सुबह 8.40 बजे) किया गया हमला है, ऐसे में आशंका है कि BAT लड़ाके छलावरण वाले झिल्ली सूट (ऐसे वस्त्र जो आसपास के इलाके में घुलमिल जाए) पहनकर एलओसी के पार देर रात से छुपे बैठे थे। सेना और यहां तक आतंकी भी इन दिनों ऑपरेशन के दौरान ऐसे ही सूट का इस्तेमाल करते हैं। फिर दिन में पाकिस्तानी सेना ने जैसे ही संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी शुरू की, ये लड़ाके भारतीय सीमा के अंदर घुस आए। इस दौरान पाकिस्तानी सेना इन लड़ाकों को कवर फायर भी देती रही, जिससे कि उन्होंने भारतीय सेना के दो जवानों के शव-विक्षत कर दिया।