सेना के प्रवक्ता ने रावलपिंडी में दावा किया कि ट्रायल के दौरान जाधव की कानूनी जरूरतों को पूरा किया गया था। जाधव को ऐसे सबूतों के आधार पर सजा सुनाई गई है जिन्हें किसी भी फोरम पर गलत नहीं साबित किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक फैसले के खिलाफ आर्मी की अपीलीय अदालत में जा सकता है और उसके बाद आर्मी चीफ के पास अपील कर सकता है। वह सुप्रीम कोर्ट और पाकिस्तान के राष्ट्रपति के सामने भी अपील दायर कर सकता है, लेकिन सेना हर फोरम पर उसका विरोध करेगी।
इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश सचिव तहमीना जांजुआ से मुलाकात की थी। बम्बावाले ने आरोप पत्र और कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा के फैसले की एक प्रमाणित प्रति देने के लिए कहा था। उन्होंने पाकिस्तानी विदेश सचिव से आग्रह किया था कि जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान की जाए ताकि उसके लिए अपील की जा सके।
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाकर्मियों ने जाधव को पिछले साल 3 मार्च को उस समय गिरफ्तार किया जब वह ईरान से पाकिस्तान में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था, जबकि भारत का कहना है कि जाधव को पाकिस्तानी अधिकारियों ने ईरान से किडनैप कर लिया था।