विरोध पत्र में कहा गया कि जाधव के खिलाफ सजा का कारण बनने वाली कार्यवाही उनके खिलाफ किसी भी विश्वसनीय सबूत के अभाव में उपहास है। यह महत्वपूर्ण है कि हमारे उच्चायोग को यह भी सूचित नहीं किया गया था कि जाधव को मुकदमे में ले जाया जा रहा था। बड़ी पाकिस्तानी हस्तियों ने खुद सबूत की पर्याप्तता के बारे में संदेह किया है। आईएसपीआर की प्रेस रिलीज में दावा है कि जाधव को तथाकथित मुकदमे के दौरान एक बचाव अधिकारी दिया गया था, लेकिन इन हालात में यह साफ तौर से बकवास है।
गौरतलब है कि जाधव की सजा को सोमवार को पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर अहमद बाजवा ने कन्फर्म किया है। यह भी बताया गया कि जाधव पर सभी आरोप साबित हुए हैं। उन्होंने मैजिस्ट्रेट और कोर्ट के सामने कबूल किया कि रॉ ने उन्हें विध्वंसक और जासूसी गतिविधियों को प्लान करने, कोऑर्डिनेट करने और ऑर्गनाइज करने की जिम्मेदारी दी थी। पिछले साल पाकिस्तानी सेना ने भी जाधव का इकबालिया बयान जारी किया था जिसमें कथित रूप से कहा गया था कि जाधव भारतीय नौसेना के सेवारत अधिकारी हैं। भारत ने यह तो स्वीकार किया था कि जाधव रिटायर्ड नौसेना अधिकारी हैं, लेकिन इस आरोप का खंडन किया था कि वह सरकार से किसी भी रूप में जुड़े थे।