उज़ैर पिछले 15 महीनों से पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत में था। अब उसे सेना के हवाले कर दिया गया है। जिस पाकिस्तान आर्म्स ऐक्ट (PAA) के तहत जाधव पर केस चलाया गया, उसी कानून के तहत अब उज़ैर पर भी मामला दर्ज किया गया है। इतने लंबे समय बाद उज़ैर का नाम जाधव के साथ जोड़ने की पाकिस्तानी कोशिशों पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं। पाकिस्तान ने जाधव के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं किया और ना ही उनके खिलाफ चल रहे केस से जुड़ी जानकारियां ही भारत के साथ साझा कीं। जाधव को सजा दिए जाने का ऐलान भी एकाएक किया गया। ऐसे में आशंका है कि पाकिस्तान अब जानबूझकर जाधव का नाम उज़ैर से जोड़ रहा है। उसकी इन कोशिशों के पीछे उसकी यह मंशा साफ दिख रही है कि वह भारत पर बलूचिस्तान में अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाए और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे मुद्दा बनाए।
जाधव के मामले में भी पाकिस्तान लंबे समय से यह झूठ बोल रहा है कि उन्हें बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया। जाधव पर बतौर रॉ एजेंट बलूचिस्तान में अस्थिरता पैदा करने की साजिश में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया। ऐसे में उज़ैर, जिस पर कि अलगाववादी बलोच संगठनों को समर्थन देने और उन्हें मजबूत बनाने का आरोप है, के साथ जाधव का नाम जोड़कर पाकिस्तान अपना अजेंडा साधने की कोशिश कर सकता है।