रोहित वेमुला मामले में एक नया मोड़ आया है। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में रोहित के दलित न होने की बात कही गई है। इस रिपोर्ट के आने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ,राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर पीएल पुनिया भड़क गए और उन्होंने कहा कि न्यायिक आयोग की फाइंडिंद पूरी तरह गलत है। रोहित वेमुला दलित था।
पुनिया ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष कर कहा है कि, जिन मुद्दों को कांग्रेस ने उठाया था उसको दरकिनार कर यह रिपोर्ट दी जा रही है कि वह दलित नहीं था। बीजेपी के मंत्री तो शुरू से ही चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि वह दलित नहीं ओबीसी है और इसी लिए ऐसा जांच आयोग बैठाया जो उनकी बात पर मुहर लगा सके। जबकि गुंटुर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और राष्ट्रिय अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट है कि वह दलित ही था इस लिए न्यायिक आयोग की फाइंडिंग पूरी तरह से गलत है।
पीएल पुनिया ने कहा कि ‘देखिये ये जो रोहित वेमुला का जो आत्महत्या का मामला था वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है और हमने मांग रखी की जो इसके लिए दोषी हैं और जिन्होंने रोहित के ऊपर इतना दबाव डाला जिसकी वजह से आत्महत्या की। उसके कारणों का पता लगाया जाए और उन लोगों को आइडेंटीफाई किया जाए और भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसके बारे में भी बताया जाए। मुझे तो ताज्जुब है कि यह कौन सा न्यायिक आयोग है जिन्होंने उन बातों को तो छोड़ दिया जिसमें रोहिल के दलित होने की बात थी और जो रोहित वेमुला शिड्यूल कास्ट नहीं थे उसके ऊपर उन्होंने टिप्पणी दे दी। किस अधिकार से उन्होंने टिप्पणी की और ये पूरा अधिकार रेवेन्यू अथॉरिटी का है डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का है और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर गुंटूर ने स्पष्ट रूप से अपनी टिपण्णी दी है कि वह अनुसूचित जाति का है और जो कहा जा रहा है कि बैकवर्ड क्लास का है वह गलत है।’