नोटबंदी से नाराज़ 3 लाख ट्विटर यूजर्स ने छोड़ा मोदी का साथ, फिर कहां से आए 4 लाख फॉलोअर्स?

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मोदी

भारत में भ्रष्टाचार और कालेधन के खात्मे के लिए पीएम मोदी द्वारा उठाए गए अहम कदम से पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है। कोई इस फैसले से खुश है तो कोई दुखी। इस ऐतिहासिक कदम के लिए पहले दिन जहां पीएम को माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर प्रशंसकों के गुस्से का सामना करना पड़ा, वहीं अगले दिन पीएम को जोरदार समर्थन भी मिला।

गौरतलब है कि  8 नवंबर को मोदी की तरफ से आए अहम फैसले के बाद नौ नवंबर को 3 लाख फॉलोअर घट गए थे लेकिन अगले ही दिन प्रशंसकों की संख्या में 4लाख को इजाफा हो गया था।

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ट्विटर पर फॉलोवर्स के उतार-चढ़ाव पर नजर रखने वाली वेबसाइट ट्विटर काउंटर के मुताबिक, आठ नवंबर की रात 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पाबंदी की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री के तीन लाख तेरह हजार फॉलोवर कम हो गए थे। अगले ही दिन पीएम को कड़े फैसले के लिए जोरदार समर्थन मिला और उनके फॉलोवर्स की संख्या चार लाख तीस हजार से अधिक बढ़ गई। फॉलोवर्स की बढ़ोत्तरी का यह सिलसिला अगले दिन भी जारी रहा। ट्विटर पर नवंबर महीने में प्रधानमंत्री के फॉलोवर्स में औसतन 27 हजार का इजाफा हो रहा था। आठ नवंबर को करीब 44 हजार लोगों ने प्रधानमंत्री को फॉलो किया था।

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आपको बता दें मोदी ट्विटर पर विश्व में दूसरे सबसे ज़्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता हैं। ट्विटर पर मोदी के 2,42,56,662 फॉलोवर हैं। मोदी खुद 1,431 लोगों को फॉलो करते हैं। उनकी विश्व रैंकिंग 46 है। उन्होंने 13,241 ट्वीट किए हैं। नोटबंदी के बाद पीएम के फॉलोअर्स में तेज़ गिरावट आ गयी थी जिसकी वजह फैसले की प्रतिक्रिया माना जा रहा था।

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