Use your ← → (arrow) keys to browse
दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इशारों ही इशारों में वर्तमान सरकार के देशभक्ति वाले रवैये की आलोचना की है। राष्ट्रपति ने आज कहा कि देशभक्ति का नतीजा यह नहीं होना चाहिए कि हम इतिहास की व्याख्या करते वक्त तथ्यों की ओर से ‘‘आंखें मूंदने” वाला रवैया अपनाएं या अपनी पसंद की दलील को सही ठहराने के लिए सच से कोई समझौता कर लें।
इंडियन हिस्टरी कांग्रेस के 77वें सत्र का उद्घाटन के दौरान प्रणव मुखर्जी ने ये बातें कही। यहां मुखर्जी ने इतिहासकारों से कहा कि वे इतिहास के प्रति ज्यादा से ज्यादा तथ्यपरक रवैया अपनाएं। आगे उन्होंने कहा कि बौद्धिक तौर पर संदेह करने, असहमत होने और किसी चीज पर सवाल उठाने की आजादी की रक्षा लोकतंत्र के एक आवश्यक स्तंभ के तौर पर जरुर की जानी चाहिए।
Use your ← → (arrow) keys to browse