करोड़ों रुपये का कॉर्पोरेट लोन न चुका पाने वालों की लिस्ट अब जल्द ही सार्वजनिक हो सकती है, ताकि और कोई विजय माल्या की तरह देश को धोका ना दे पाए। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश देकर अगले 4 हफ्तों में 500 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का व्यावसायिक कर्ज न चुका पाने वालों की जानकारी देने के लिए कहा है।
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूण की बेंच ने इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की असहमति को दरकिनार करते हुए करोड़ों रुपये का कर्ज न चुका पाने वालों के नाम सार्वजनिक करने के लिए कहा है।
अक्टूबर में बेंच ने मामले में सुनवाई के दौरान आरबीआई से कहा था कि इतनी ज्यादा रकम के लोन न चुका पाने वालों के नाम आखिर सार्वजनिक क्यों न कर दिए जाएं? ऐसे कर्जदारों के खिलाफ वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक एनजीओ की ओर से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से सवाल करते हुए कहा था कि ऐसे कर्जदारों के नाम सार्वजनिक करने से जो भी प्रभाव पड़ेगा वह लोन लेने वालों को पड़ेगा, लेकिन ऐसा करने में आरबीआई को क्या दिक्कत है?