श्रीनगर : सेना-बीएसएफ के कैंप पर बारामूला में रविवार रात हमले को लेकर भ्रम बन गया है। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों का सोमवार को कहना था कि आतंकी सोची-समझी रणनीति के तहत जवानों पर फायर कर ओझल हो गए। हमले में बीएसएफ जवान नितिन शहीद हो गए थे। बदले हालात के साथ गुत्थी उलझ गई है कि नितिन आतंकियों की गोली का शिकार बने या अपनों की। दो आतंकियों के मारे जाने के दावे के उलट किसी आतंकी का शव नहीं मिला है।
रविवार रात 10.30 बजे बताया गया था कि बारामुला में सेना-बीएसएफ कैंप पर आत्मघाती आतंकियों ने हमला बोल दिया है। बीएसएफ की 40 वीं बटालियन के संतरी ने रसोई वाले हिस्से में संदिग्ध गतिविधियों पर समझा कि आतंकी हैं और फायरिंग शुरू कर दी। अफरातफरी में पास में स्थित 46-राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी। 90 मिनट फायरिंग के बाद रोशनी के लिए इल्यूमिनेटर्स छोड़े गए, लेकिन कोई आतंकी नजर नहीं आया। अधिकारियों का कहना था कि आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे। इस बीच बीएसएफ के जवान नितिन और पुलविंदर गंभीर रूप जख्मी हो गए। दोनों को श्रीनगर अस्पताल ले जाया गया, जहां नितिन ने दम तोड़ दिया। यह बात भी स्पष्ट नहीं हो पाई कि बीएसएफ के जवान आतंकियों की गोली से जख्मी हुए या अपनों की फायरिंग में। सोमवार सुबह गृह मंत्रलय के प्रवक्ता ने दावा कर दिया कि दो आतंकी मार गिराए गए हैं।
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