सैनिक रामकिशन का अंतिम संस्कार आज, राहुल भी जाएंगे, सुसाइड पर सवाल

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सरकार के सूत्रों का कहना है कि ‘राम किशन को पेंशन मिलने में देर हुई क्योंकि बैंक के हिसाब में गड़बड़ी थी। उनको अपने दूसरे साथियों की तरह पूर्व सैनिक वेलफेयर सेल में संपर्क करना चाहिए था। उनके मामले को भी दूसरे मामलों की तरफ आराम से सुलझाया जा सकता था अगर वो सीधे मंत्रालय में संपर्क करते। 31 अक्टूबर को लिखा गया उनका सुसाइड लेटर और एक तारीख को उनका सुसाइड सवाल खड़े करता है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि जब रामकिशन ने ये कदम उठाया तो उनके साथ उस वक्त कौन मौजूद था ? उन्हें जहर कहां से मिला? और क्या किसी ने उनकी परेशानी का फायदा उठाकर उन्हें इस कदम के लिए उकसाया ? मंत्रालय को रामकिशन की तरफ से मिलने की कोई प्रार्थना नहीं की गई थी और ना ही उनके लेटर में ऐसी कोई बात है।

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जानकारी के मुताबिक सेना में किसी भी जवान को ओआरओपी का फायदा तभी मिलता है जबकि उसने कम से कम 15 साल सेना में काम किया हो, लेकिन रामकिशन ने टेरिटोरियल आर्मी में छह साल काम किया था।

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