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विकल्प नाम की इस योजना के तहत सभी मुख्य मार्गों पर राजधानी, शताब्दी, दुरंतो या सुविधा जैसी अन्य विशेष सेवा वाली ट्रेनों में खाली रह चुकी सीटों को भरा जाएगा।
दरअसल रेलवे को विभिन्न कारणों से टिकटों कैंसल किए जाने के चलते यात्रियों को साल में करीब 7,500 करोड़ रुपये (रिफंड) करना पड़ता है। इस योजना से रेलवे दोहरा लक्ष्य को पूरा करेगी।
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रेलवे के पायलट प्रोजेक्ट के तहत विकल्प टिकट योजना फिलहाल दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-सिकंदराबाद के बीच चलने वाली सभी ट्रेनों के साथ-साथ देशभर में तकरीबन 150 ट्रेनों में चलाई जा रही है। पायलेट प्रोजेक्ट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। रेल मंत्रालय ने अब इसे देश भर की सभी ट्रेनों में लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2017 का दिन तय किया है।
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