रेलवे और आईआरसीटीसी ने ट्रांसजेंडर को ‘तीसरे लिंग’ के रूप में शामिल किया

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

इससे पहले अधिवक्ता जमशेद अंसारी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी जनहित याचिका में इसे आईआरसीटीसी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन बताया था. उन्होंने भारतीय रेलवे से शीर्ष न्यायालय के उस निर्णय के अनुपालन की मांग की थी, जिसमें न्यायालय ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता प्रदान करने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही उन्हें सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के हिसाब से रियायत देने की मांग भी की थी.

इसे भी पढ़िए :  दिवाली और छठ के लिए चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

इसके अलावा उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय की ‘देखभाल एवं अधिकारों की रक्षा’ के लिए सभी ट्रेनों में विशेष बोगियां एवं आरक्षित सीटें लगाने की भी मांग की थी. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी की अध्यक्षता वाली पीठ ने रेलवे मंत्रालय से याचिका का संज्ञान लेने को कहा था.

इसे भी पढ़िए :  रेलवे की नई कैटरिंग पॉलिसी: अब कम दाम में मिलेगा बढ़िया खाना, 7 रु. में कॉफी, 50 रु में मिलेगी थाली

 

2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse