केंद्र सरकार कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कार्ड से लेन-देन पर चार्ज को कम करना चाहती है। जिसके लिए पिछले सप्ताह RBI और केंद्रीय मंत्री व सरकारी अधिकारियों के बीच बार बैठक हुई। बैठक में सरकार ने कहा है कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट(एमडीआर) को 31 मार्च 2017 तक के लिए या तो हटा दिया जाए या फिर काफी कम कर दिया जाए। बता दें, एमडीआर वह रेट होती है जो बैंक कार्ड सर्विस देने के बदले वसूलता है।
अब केंद्र सरकार के डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन पर चार्ज कम करने के प्रस्ताव पर रिजर्व बैंक ने सवाल उठाए है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने इस प्रस्ताव को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे बैंकों के कारोबार पर विपरीत असर पड़ सकता है। एसबीआई और आईसीआईसीआई जैसे बैंकों ने भी इस प्रस्ताव को लेकर असहमति जाहिर की।
इकॉनॉमिक टाइम्स के अनुसार, ‘गांधी ने कहा कि चार्ज में कटौती का फैसला बैंकों पर पड़ने वाली लागत को ध्यान में रखकर लेना चाहिए। सरकार एक और दो हजार रुपये से नीचे के ट्रांजेक्शन पर चार्ज को कम करना चाहती है। वर्तमान में इस तरह के ट्रांजेक्शन पर 75 से 100 बेसिस पॉइंट के हिसाब से चार्ज लिया जाता है। मीटिंग के दौरान छोटे शहरों में कारोबार करने वाले व्यापारियों को लेकर भी चर्चा हुई।’