देश में कालेधन को खत्म करने के लिए नोटबंदी जैसा साहसिक एवं बड़ा फैसला करने में अहम भूमिका निभाने वाले RBI गवर्नर उर्जित पटेल एक बार फिर से तल्ख सवालों का सामना करना पड़ सकता है। नोटबंदी पूरी तरह खत्म होने के बाद भी रिजर्व बैंक (आरबीआई) अभी तक यह नहीं बता पाया है कि देश में कितने पुराने नोट (500 व 1000 रुपये के) सिस्टम से वापस आए हैं। 20 अप्रैल को होने वाली बैठक समिति की अध्यक्षता पूर्व कैबिनेट मंत्री एम वीरप्पा मोइली
समिति पटेल से जानना चाहती है कि नोटबंदी के बाद चलन से वापस लिए गए कितने नोट बैंकों में जमा हुए और उनकी जगह नई मुद्रा की आपूर्ति करने का काम काम कितना हुआ है। गवर्नर पटेल के साथ-साथ आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास व वित्तीय सेवा सचिव अंजलि छिब दुग्गल को भी समिति के समक्ष हाजिर होने को कहा गया है।
इससे पहले संसदीय पैनल की बैठक पिछली 18 जनवरी को हुई थी। सूत्रों की मानें तो आगामी 20 अप्रैल को होने वाली बैठक समिति की आखिरी मौखिक साक्ष्यों पर आधारित बैठक हो सकती है। अगर पटेल 20 अप्रैल की बैठक में नहीं आते हैं तो एक और बैठक के लिए तारीख की घोषणा की जाएगी।
पटेल को किन किन सवालों का करना पड़ सकता है सामना जानें अगली स्लाइड में