नई दिल्ली: आज आपको ईएमआई में कटौती का तोहफा मिल सकता है। नोटबंदी के बाद आज पहली बार RBI गर्वनर उर्जित पटेल क्रेडिट पॉलिसी का एलान करेंगे। माना जा रहा है कि इस एलान में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है और इसका सीधा असर आपकी ईएमआई पर पड़ सकता है। अपने कैश के लिए परेशान लोगों के लिए आज राहत भरी खबर आ सकती है। देश का RBI आज क्रेडिट पॉलिसी यानी कर्ज नीति का एलान करने वाला है, उम्मीद यही की जा रही है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरें घटाएगा जिसका फायदा आपकी ईएमआई में दिख सकता है।
रेपो रेट में चौथाई फीसदी से आधा फासदी तक कटौती कर सकता है RBI
माना जा रहा है कि नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुये समिति मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत कटौती कर सकती है। ऐसा होने पर रेपो रेट मौजूदा 6.25 फीसदी से 6 फीसदी या फिर 5.75 फीसदी तक आ सकती है।RBI के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एमपीसी की यह दूसरी बैठक है। पहली बैठक अक्टूबर में हुई थी तब भी समिति ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का फैसला किया था। जनवरी 2015 के बाद से रि RBI जर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में 1.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है। नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक की यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा है।
रेपो रेट का असर हम पर और आप पर कैसे पड़ता है ये भी समझ लीजिए
रोजमर्रा के कामकाज के लिए बैंकों को बड़ी नकदी की ज़रूरत पड़ती है। बैंक एक से तीन दिन के लिए RBI से कर्ज लेते हैं। इस तरह के कर्ज पर रिजर्व बैंक जिस दर से ब्याज वसूलता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। अगर रेपो रेट कम होगा तो बैंक को कम ब्याज दर देनी पड़ेगी और इसका फायदा बैंक लोन की ब्याज दरें घटाकर आम आदमी को देता है।हालांकि इस बार रेपो रेट में कटौती का फायदा सीधे सीधे आम लोगों को मिलेगा इसपर भी सस्पेंस है, क्योंकि रिजर्व बैंक के एक आदेश से बैंकों के पास नोटबंदी के बाद जमा हुई नकदी कम हो गई है।
रिजर्व बैंक ने 16 सितम्बर से 11 नवम्बर के दौरान डिपॉजिट में हुई पूरी बढ़ोतरी को कैश रिजर्व रेशियो यानी CRR के तौर पर रखने को कहा है। इस आदेश के चलते बैंकों की सवा तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम रिजर्व बैंक के पास जमा हो गई है। जिसपर उन्हें कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा। बैंक कह रहे हैं कि CRR पर रिजर्व बैंक के पिछले आदेश की समीक्षा के बाद ही ब्याज दर में कमी का रास्ता खुल सकता है। उम्मीद है कि आज रिजर्व बैंक CRR को लेकर भी स्थिति साफ कर सकता है और बैंकों को राहत दे सकता है। अगर बैंकों को आज रेपो रेट के साथ साथ CRR को लेकर भी राहत मिलती है तो ये तय है कि इसका फायदा आपकी EMI में कमी के रूप में दिखेगा।