अलगाववादी हुर्रियत के खिलाफ अपनी पार्टी के नहीं होने संबंधी नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला की टिप्पणियों को लेकर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उनकी आलोचना की और कहा कि इससे जाहिर होता है कि विपक्षी पार्टी का पिछले कुछ महीनों में घाटी में हुई हिंसा के पीछे हाथ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कांफ्रेंस घाटी में माहौल गरम रखना चाहती है क्योंकि यह सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) कहा करते हैं कि हुर्रियत नेताओं को झेलम नदी में फेंक देना चाहिए। आज वह कुछ और बात कर रहे हैं। यह फिर से स्पष्ट करता है नेशनल कांफ्रेंस सत्ता के लिए बच्चों और महिलाओं समेत किसी के भी जीवन से खेल सकती है।’
उन्होंने कहा कि फारूक का बयान अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहता है कि वे हुर्रियत को पूरा समर्थन दें जिससे एक चीज साफ होती है कि नेकां सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘यहां के हालात में घुस गए आपराधिक तत्वों ने पिछले चार-पांच महीनों में वाहनों पर पथराव किया, स्कूल जला दिए और शिविरों पर हमला किया…इस बयान से यह साफ होता है कि नेकां इन महीनों में इन हरकतों में शामिल रही है।’ उन्होंने कहा कि नेकां नेतृत्व ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से स्थिति बेहतर नहीं होने देने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘जब हालात बेहतर हो रहे हैं, बच्चे स्कूल जा रहे हैं, पर्यटन भी धीरे धीरे जोर पकड़ रहा है, ऐसे में फारूक ने एक बार फिर कार्यकर्ताओं को आदेश देते हुए वैसी स्थिति पैदा करने को कहा जिससे कि जम्मू कश्मीर में माहौल गरम बना रहे।’
महबूबा ने कहा, ‘अब जब घाटी के हालात फिर से सुधरने लगे हैं तो फारूख अब्दुल्ला ने फिर से अपने समर्थकों को उपद्रव मचाने को कहा है।’ सीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल सत्ता हथियाने के लिए किसी भी हद तक जाने, यहां तक कि लोगों की जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘सत्ता में रहने के दौरान तो अब्दुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान पर बम गिराया जाना चाहिए और उनके पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अक्सर पाकिस्तान के खिलाफ बयान जारी किया करते थे। जब वह अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में विदेश राज्य मंत्री थे तो अलग बात करते थे और अब जब सत्ता से बाहर हो गए हैं तो अलग भाषा में बात करते हैं।
नीचे वीडियो में देखिए और सुनिए फारूख अब्दुल्ला का वो बयान जिसमें उन्होंने कश्मीर में अलगाववादियों का साथ देने का ऐलान किया।