गंगा जिसे हमारे देश में मां का दर्जा दिया गया है। यह सिर्फ नदी ही नहीं है बल्कि हिंदू र्धम में आस्था का प्रतीक है। पूजा में, मृत्यृ के अंतिम समय में हर चीज में गंगा जल का इस्तेमाल होता है। इतना ही नहीं मरने के बाद अस्थियो का विर्सजन भी गंगा में ही किया जाता है। लेकिन अभी भी एक सवाल जरूर उठता है की इतनी सारी योजनाओं के बाद भी गंगा मैली क्यों हैं ?
हर बार एक नई सरकार आती है कई सारे वादे करती हैं लेकिन उन वादो को पूरा कभी भी पूर्ण तरीके से नहीं किया जाता। हर कोई अपनी एक अलग योजनाएं तैयार करता हैं। सत्ता में आते ही बीजेपी सरकार ने ‘नमामि गंगे’ जैसी योजना तैयार की अलग से मंत्रालय का निर्माण किया। यही नहीं गंगा पर बने मंत्रालय के लिए सरकार ने भारी-भरकम बजट भी रखा है। और कई नई योजनाओं की शुरूआत की। इन योजनाओं के तहत गंगा को फिर से निर्मल और अविरल किया जाएगा। लेकिन जैसा की हर सरकारी योजना में होता है यहां भी गंगा को स्वच्छ करने का काम रेंग ही रहा है।
बाकी की खबर पढ़ने के लिए अगली स्लाइड पर क्लिक करें –