नई दिल्ली। आरक्षण की व्यवस्था खत्म करने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएएएस) प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के बयान ने चुनावी मौसम में विपक्षी दलों को संघ-भाजपा के खिलाफ हमले का बड़ा हथियार दे दिया है। इस बात का आभास होते ही विवाद बढ़ता देख 12 घंटे के अंदर ही वैद्य अपनी बात से पलटी मार गए।
इस बयान के बाद भाजपा नेतृत्व के हाथ पांव फूल गए। जिसके बाद आरएसएस नेता ने साफ किया है कि संघ समाज में बराबरी लाने के लिए आरक्षण का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को मिल रहे आरक्षण को खत्म करने की बात कही ही नहीं थी। वैद्य ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने धार्मिक आधार पर आरक्षण दिए जाने के खिलाफ बोला था।
आपको बता दें कि जयपुर साहित्योत्सव में भाग लेने गए वैद्य ने आरक्षण के मुद्दे पर शुक्रवार(20 जनवरी) को कहा था कि आरक्षण से अलगाववाद बढ़ता है और एक समय के बाद उसे समाप्त कर देना चाहिए। वैद्य के इस बयान के आते ही सियासी तूफान खड़ा हो गया।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनावों के ठीक पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत के संघ की पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार में भी आरक्षण की खिलाफत की गई थी, जिसका बड़ा खामियाजा भाजपा को चुकाना पड़ा था। अब उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले संघ प्रवक्ता का बयान उसकी गले की हड्डी बन सकता है।