नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार(16 जनवरी) को मेडिकल कारणों से 24 हफ्ते की गर्भवती एक महिला को गर्भपात की इजाजत दे दी। कोर्ट ने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला दिया है, जिसमें बताया गया है कि भ्रूण के सिर विकसित नहीं हो पाई है।
न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने यह फैसला मुंबई की 23 वर्षीय गर्भवती महिला की उस याचिका पर सुनाई, जिसमें उसने महज 24 हफ्ते पर गर्भपात कराने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से साफ है कि बच्चे के बचने की उम्मीद नहीं है और महिला की जान को बचाने के लिए गर्भपात किया जा सकता है।
हॉस्पिटल में महिला की जांच करने वाले मेडिकल बोर्ड ने कहा कि गभार्वस्था पूरी होने देने से मां के जीवन को खतरा हो सकता है। क्योंकि गर्भवती होने के 21 हफ्ते के बाद महिला की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि भ्रूण के सिर का हिस्सा नहीं है।