पार्श्वनाथ डेवलपर्स को SC का निर्देश, राज्यवर्धन राठौर को दो दिन में दो फ्लैट पर कब्जा

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पार्श्‍वनाथ डेवलपर्स
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पार्श्‍वनाथ डेवलपर्स को निर्देश दिया कि वह सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्‍यवर्धन सिंह राठौर को दो दिन के भीतर गुडगांव परियोजना में फ्लैट का कब्जा सौंपे। जस्टिस दीपक मिश्रा और अमिताव राय की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी राठौर को दो दिन के भीतर फ्लैट का कब्जा दिया जाए। पीठ ने यह भी कहा कि राठौर को अब इस डेवलपर्स को कोई भी अतिरिक्त पैसे का भुगतान नहीं करना चाहिए।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि फ्लैट का कब्जा देने में हुए विलंब की वजह से राठौर को दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में बाद में विचार किया जाएगा। इस मामले की सुनवाई के दौरान पार्श्‍वनाथ डेवलपर्स के वकील ने कहा कि फ्लैट तैयार है और वह इसका कब्जा दे सकता है। राठौर ने पार्श्‍वनाथ की परियोजना एक्जोटिका में 2006 में फ्लैट बुक कराया था और इसके लिये 70 लाख रुपये का भुगतान भी किया था। इस फर्म को 2008-09 में फ्लैट का कब्जा देना था। इस साल जनवरी में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निबटान आयोग ने बिल्डर को निर्देश दिया था कि राठौर को मूल धन ब्याज सहित वापस किया जाये और उन्हें मुआवजा दिया जाए।

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इससे पहले, शीर्ष अदालत ने बडे बडे दावे करने के लिये इस बिल्डर को आड़े हाथ लिया था और कहा था कि आवासीय परियोजना के पूरा होने में अत्यधिक विलंब की वजह से उसके वायदे पूरे नहीं हुए। न्यायालय ने 18 अक्तूबर को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि इस रियल इस्टेट फर्म पार्श्‍वनाथ बिल्डवेल प्रा. लि. द्वारा जमा कराये गये 12 करोड़ रुपये की राशि उचित पहचान के बाद 70 खरीदारों में वितरित कर दिये जाएं। न्यायालय ने इस फर्म को दस दिसंबर तक रजिस्ट्री में दस करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।

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